गीली मौत
सूखी मौत
एक साथ गीली
भी !
एक साथ सूखी
भी !
हॉं ! एक साथ ।
यादों से
गीली और
अहसास से
सूखी
यादें ऑंसुओं
से गीलीं
और
अहसास मर्महीन व सूखे
आहें न लो
आहें होंगी
सर्द
न गीलीं
न सूखीं ।
कुछ तप्त
कुछ आतप्त
वैसे ही
जैसे
गंगासागर
में
भक्ति गीली,
रास्ता
गीला
पर मौत !
मौत है सर्द
दर्द भी
सर्द
गीला काठ का शरीर,
प्राण से
सूखा
आत्मा से
रहित,
मानवता गीली
।
छूटे पीछे, कुछ आगे
जि़न्दगी
के मोतियों पर
असमय उछल
आए
कुछ मौत
के धागे
कुछ सपने, कुछ अपने,
कुछ यादें, कुछ अरमान,
मन, परिजन सब कुछ
गीला-गीला सूखा-सूखा
बेवक़्त, बेवजह, बेसबब
निर्लिप्त
व्यवस्था या
बुलावा उसका
जीवन की
सॉंसों का
अवसान ऐसा भी !
धर्म और
आस्था का
मिलन ऐसा
भी
गीला भी सूखा भी !
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